Sawan Shivratri 2023 Puja Vidhi: शिवभक्तों के लिए सावन मास काफी खास होता है। इसके साथ ही सावन मास में पड़ने वाली शिवरात्रि का हर किसी को बेसब्री से इंतजार होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत रखने का विधान है। इसके साथ ही जलाभिषेक करने से शिव जी अति प्रसन्न होते हैं। इस साल की सावन शिवरात्रि काफी खास है, क्योंकि बार शनिवार के दिन पड़ने के साथ-साथ वृद्धि योग भी बन रहा है। जानिए सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, जलाभिषेक का समय से लेकर मंत्र तक।
सावन शिवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त (Sawan Shivratri 2023 Shubh Muhurat)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सावन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी 15 जुलाई को शाम 08 बजकर 32 मिनट से आरंभ हो रही है, जो 16 जुलाई को शाम 10 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी।
सावन शिवरात्रि के दिन निशिता काल पूजा समय (Sawan Shivratri 2023 Nishita Puja Muhurat)
शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव की पूजा निशिता काल में करने से अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 15 जुलाई को रात 12 बजकर 06 मिनट से रात 12 बजकर 48 मिनट तक शिवरात्रि की पूजा का शुभ समय है।
चार प्रहर में भगवान शिव की पूजा (Sawan Shivratri 2023 Char Prahar Muhurat)
सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन रात के समय शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति को हर कष्ट से निजात मिल जाती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। सावन शिवरात्रि के दिन रात्रि के चार प्रहर होते हैं। चारों प्रहर में निशिता काल समय शिव की पूजा के लिए सबसे शुभ माना गया है।
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय- शाम 07 बजकर 21 मिनट से 09 बजकर 54 मिनट तक
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय- रात 09 बजकर 54 मिनट 16 जुलाई को सुबह 12 बजकर 27 मिनट तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय- 16 जुलाई को सुबह 12 बजकर 27 मिनट से दोपहर 03 बजे तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – सुबह 03 बजे से 16 जुलाई को सुबह 05 बजकर 33 मिनट तक
सावन शिवरात्रि व्रत पारण का समय (Sawan Shivratri 2023 Paran Time)
16 जुलाई 2023 को शिवरात्रि व्रत का पारण किया जाएगा। व्रत पारण का समय सुबह 05 बजकर 33 मिनट से शाम 03 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।
सावन शिवरात्रि में ऐसे करें शिव की पूजा (Sawan Shivratri 2023 Puja Vidhi)
सावन शिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा के साथ शिवलिंग में जल चढ़ाना काफी शउभ माना जाता है। शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने के साथ पंचामृत, गंगाजल, दूध, दही आदि से भी अभिषेक कर सकते है। इसके बाद बेलपत्र, धूतरा, आक का फूल, भस्म, भांग आदि चढ़ा दें। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर शिवलिंग की पूजा कर दें। दीपक नीचे रख दें। इसके साथ ही शिव चालीसा, शिव मंत्र का जाप कर लें और अंत में विधिवत आरती कर लें।
शिव के चमत्कारिक मंत्र (Shiva Mantra)
- ॐ शिवाय नम:
- ॐ सर्वात्मने नम:
- ॐ त्रिनेत्राय नम:
- ॐ हराय नम:
- ॐ इन्द्रमुखाय नम:
- ॐ श्रीकंठाय नम:
- ॐ वामदेवाय नम:
FAQ
कब है सावन की दूसरी शिवरात्रि?
श्रावण मास की दूसरी सावन शिवरात्रि 14 अगस्त 2023 को पड़ रही है।
इस साल सावन मास कितने दिन का?
इस साल अधिक मास होने के कारण सावन मास पूरे 59 दिन का होगा।
सावन मास किस देवता से है समर्पित
सावन मास में भगवान शिव की पूजा करने का विधान है।