आते ही हवा में उड़ाने लगे गेंद
संजू सैमसन को टीम में अपनी जगह पक्की करनी है। वनडे मैच में काफी समय भी होता है। 23वें ओवर में संजू क्रीज पर आ गए थे। ऐसे में कोई भी बल्लेबाज आकर पिच पर सेट होने की कोशिश करेगा। लेकिन संजू सैमसन ने उलटा किया। पहली ही गेंद को उन्होंने हवा में उड़ा दिया। मिड विकेट पर कोई फील्डर नहीं ता और इसी वजह से वह बच गए और दो रन मिला। इसके बाद भी संजू नहीं माने। उन्होंने अगली ही गेंद पर छक्का उड़ा दिया। गेंद लॉन्ग ऑन बाउंड्री लाइन के बाहर गई। अपनी चौथी गेंद पर संजू ने फिर छक्का मारा।
संजू की निडरता या नासमझी?
संजू सैमसन ने जो किया, उसे देखने का दो तरीका है। एक तरफ इसे निडर या बेखौफ बैटिंग कहा जा सकता है। क्योंकि मैदान पर आते ही गेंदबाज पर दबाव बनाने की यह रणनीति हो सकती है। लेकिन दूसरा ये भी है कि जब आपका करियर दांव पर हो तो यह नासमझी ही कही जाएगी। अगर संजू आउट हो जाते तो शायद अगले मौके के लिए लंबा इंतजार करना होता। ऐसे में उन्हें छक्के दो मिले लेकिन यह बहादुरी नहीं कही जाएगी।
अर्धशतक बनाकर हुए आउट
संजू सैमसन ने 39 गेंदों पर अपनी फिफ्टी पूरी की। 41 गेंदों पर 51 रन बनाने के बाद वह पवेलियन लौटे। अपनी इस पारी में उन्होंने 2 चौके और 4 छक्के मारे। उनके बैटिंग का स्टाइल वनडे से ज्यादा टी20 जैसा था।